धर्म चड्डीवह बचपन में बहुत ही चंचल और नटखट थी. सबकी दुलारी सबकी आँखों का तारा… लेकिन एक दिन खेलते खेलते अपने घर की तीसरी मंजिल से गिर गयी. 12 हड्डियां और 23 पसलियाँ टूटी थी. 2 साल तक ICU में एडमिट रही थी. आज हालत यह हैं की सांस लेती तो भी तकलीफ होती है. पास से हवा गुजरे तो भी दर्द से कराह उठती हैं. किसी के छूने भर से तड़प उठती हैं और दौबारा हॉस्पिटल में ए...
sumit menaria
Posted on April 26th, 2014
धर्म रक्षकआज वह बार-बार अपने इश्वर को याद कर रही थी. उसका लड़का जो बाहर दूध लेने गया था अभी तक वापस नहीं आया था और शहर में दंगे शुरू हो गए थे. अपने इश्वर को महान बताने की खातिर दो प्रजातियाँ आपस में भीड़ चुकी थी. लेकिन वह तो एक माँ थी, काफी देर तक करने के बाद भी उसे कोई रास्ता नहीं दिखा तो खुद अपने बेटे को ढूंढने के लिए बाहर निकल पड़ी. रास्ते में धर्म युद...
sumit menaria
Posted on April 26th, 2014
रोटियांरोटियाँ एक जैसी होती हैं, सब उसी आटे से बनी हुई सब एक हाथ से बनी हुई. उनमे कभी फर्क नहीं होता हैं. सब चपटी, सब गोल सब का एक जैसा स्वाद.हम सब एक साथ उठते हैं, बैठते हैं, हँसते हैं रोते हैं. हम ऑफिस में एक साथ लंच खाते हैं, एक ही कूलर से पानी पीते हैं, ट्रेफिक सिग्नल पर सब एक साथ खड़े रहते हैं. हम उनकी शादियों में जाते हैं और वो हमारी, हम उनके त्यौहार मनाते &...
sumit menaria
Posted on April 26th, 2014
एडमिनवे उल्लू होते हैं…शक्ल से, अक्ल से और नक़ल से, तन से , मन से और धन से. उन्हें कोई काम नहीं होता वे एकदम निठल्ले होते हैं. ज्ञान कूट कूट कर भरा होता हैं इतना ज्यादा कि संभाले नहीं संभलता, छलकता हैं. उन्हें शौक नहीं होता, आदत होती हैं या यूँ कहे कि लत होती हैं इस ज्ञान को प्रकट करने की, अपनी उँगलियाँ गिसवाने की, रात को बारह बजे तक आँखे फुड़वाने, और इत...
sumit menaria
Posted on April 26th, 2014
कुछ समय पहले एक मित्री से मिलने गया था, वो एक गाना गुनगुना रही थी माय नेम इज़ शिला, शिला की जवानी.... मुझे आश्चर्य हुआ मैंने पूछा तुम्हारा नाम शिला कबसे हुआ? और ये जवानी का क्या टोटका हैं? उसने हंसकर कहा, बुद्धू ये तो गाना है... अच्छा!! गाना हैं...वह मित्री आगे जाकर मुन्नी, बबली, पिंकी और न जाने क्या क्या हुई... पर हर बार उसने यही जवाब दिया कि बस गाना हैं!कल आप किसी ब...
sumit menaria
Posted on April 26th, 2014
बेबीडोलकुछ समय पहले एक मित्री से मिलने गया था, वो एक गाना गुनगुना रही थी माय नेम इज़ शिला, शिला की जवानी.... मुझे आश्चर्य हुआ मैंने पूछा तुम्हारा नाम शिला कबसे हुआ? और ये जवानी का क्या टोटका हैं? उसने हंसकर कहा, बुद्धू ये तो गाना है... अच्छा!! गाना हैं...वह मित्री आगे जाकर मुन्नी, बबली, पिंकी और न जाने क्या क्या हुई... पर हर बार उसने यही जवाब दिया कि बस गाना हैं! कë...
sumit menaria
Posted on April 26th, 2014
ईशनिंदावो आठ बहनों में से एक थी। अब्बा को कुल दीपक की चाह थी। हर बेटी के बाद 'अल्लाह की मर्जी' कह कर अगली की तैयारी में लग जाते। लेकिन जब शादी की बात आई तो सब बोझ लगने लगी। जी तो करता था मार दे ,पर मारना तो गुनाह हैं पैदा करना भले ही न हो। बड़ी वाली को मज़बूरी में एक शराबी से ब्याह दिया...दो लाख के बदले। बेटी से कहा, अल्लाह की मर्जी हैं। साल भर बाद पति भी शराब ...
sumit menaria
Posted on April 26th, 2014
भगत सिंहआज सुबह 9.30 बजे उठा तो देखा एक हमउम्र नौजवान मेरे पास बैठा हुआ हैं। शक्ल कुछ जानी पहचानी लग रही थी। "कौन हो भाई?" मैंने आँखे मलते हुए पूछा"मैं भगत सिंह" उसने कहा।"कौन भगत सिंह?" भगत शुक्ला को तो मैं जानता था, मेरे साथ कॉलेज में पड़ता था।"शहीद भगत सिंह।""ओह माय गॉड! ग्रेट भगत सिंह।""हाँ।" उसने कहा।"पर मेरे पास क्या करने आये हो?""तुम्हे जगाने आया हूँ मित्...
sumit menaria
Posted on April 26th, 2014
टेडीबियर बिटिया सुबह से जिद पकड़ कर बैठी हैं. नया टेडीबियर लाकर दो. सुबह से घर में धमाल मचाय रखा हैं."का करेगी नए टेडीबियर का इत्ते सारे खिलौने धरे तो हैं?" हम गिरियाये. "नहीं हमें नया टेडीबियर चाहिए" बिटिया आंसुओ की गंगा जमुना एक करते सबुडाते हुए बोली. "अभी दुई महीने पहले वो गाने वाला गुड्डा लाये थे का हुआ उसका अब घर के कोनो में रवड़ता फिरता ह...
sumit menaria
Posted on April 26th, 2014
मन्दिर कल्पना कीजिये आपके पिताजी हर महीने आपको पॉकेट मनी के 10 लाख रूपये देते हैं जिनका की आपको कोई हिसाब नहीं रखना हैं आप अपनी मर्जी से उन्हें खर्च करना हैं. शायद पिताजी इस भरोसे हैं की माँ खर्चो का ध्यान रखेगी लेकिन माँ भी केवल यह लिख देती हैं आपको कितने पैसे मिले हैं. तब आप इन पैसो का क्या करेंगे? वही जवाब दे जो सबसे पहले आपके मन में आया. --------------------------...
sumit menaria
Posted on April 26th, 2014