भगत सिंह
आज सुबह 9.30 बजे उठा तो देखा एक हमउम्र नौजवान मेरे पास बैठा हुआ हैं। शक्ल कुछ जानी पहचानी लग रही थी।"कौन हो भाई?" मैंने आँखे मलते हुए पूछा"मैं भगत सिंह" उसने कहा।"कौन भगत सिंह?"भगत शुक्ला को तो मैं जानता था, मेरे साथ कॉलेज में पड़ता था।"शहीद भगत सिंह।""ओह माय गॉड! ग्रेट भगत सिंह।""हाँ।" उसने कहा।"पर मेरे पास क्या करने आये हो?""तुम्हे जगाने आया हूँ मित्र।"जो सुबह &...
Posted on April 26th, 2014
लिखने से क्या होता हैं?
लिखने से क्या होता हैं? "लिखने से क्या होता हैं?" दोस्त के यहाँ पर नोट्स लेने के लिए गया था. दोस्त अन्दर नोट्स लेने के लिए गया, मैं बाहर खड़ा खड़ा इंतजार कर रहा था, तभी उसके पिताजी हाथ में अख़बार लिए आये. मुझे घूरते हुए देखने लगे. मैंने मुस्कुराकर अभिवादन किया. "तुम हिमांशु हो न?" उन्होने पूछा."हाँ…" मैंने जवाब दिया. "वो छोटा मुंह वाला पेज तुम ही चलाते हो?" "जी &...
Posted on April 26th, 2014
ईश्वर कौन हैं?
ईश्वर कौन हैं?कई बार बड़े बड़े धर्मविज्ञो को बहस करते सुनता हूँ कि हमारा ईश्वर यह हैं हमारे ईश्वर वो हैं। यह बहस दुसरे धर्मावलम्बी करे तो समझ में आता हैं पर कई बार हिन्दू भी कहने लग जाते हैं हमारे भगवान राम हैं, कृष्ण हैं। जब इनसे पूछा जाता हैं की भाई राम कृष्ण तो मात्र अवतार है। तो इनके दिमाग का ढक्कन खुलता हैं और ये थोडा ऊपर जाते हैं कि हमारे भगवान ...
Posted on April 26th, 2014
सत्य गीत
अन्तस में प्रेत मन्त्र हैं,ओठों पर गीता है;जी रहे मुखौटे हैं,आदमी न जीता है।दर्द में इजाफ़ा तो,कर दिया हकीमों ने;वैसे तो चोट बहुत;हल्की थी मोच में।बँटे खेत, दालान, वरोठे,टुकड़े-टुकड़े आँगन;किंतु अभी भी गड़े आँख में,बूढ़ें बापू की पेंशन।साँपों के आगे पड़कर,अब नेउला पूँछ हिलाए;शेर देखते ही सियार को;फौरन हाथ मिलाए।जिसकी बाँहों में पलते हैंउसे बखूबी डसत...
Posted on April 26th, 2014
जकरबर्ग की लीला
इस लड़के जकरबर्ग से हमें हमेशा उम्मीद रही हैं। भरी जवानी में जब हम गाड़ी दौड़तेे, स्कुल से बंकियाते, विमल पिचकाते और लडकियाँ ताड़ते फिरते थे इसने फेसबुक जैसे कारनामें का अविष्कार किया जो आज तक हमारे चंचल अति रैंडम मन को चार इंच की स्क्रीन में घुसाए रखता हैं। लेकिन हमारी तनिक और परेशानियाँ भी थी। शुरू में जब हम नए नए फेसबुक उपवन में अर्धरात्रि तक च...
Posted on April 26th, 2014
मैं और हम
'हम'-------------बस स्टैंड पर खड़ा-खड़ा बस का इंतजार कर रहा था। देखा एक कुत्ते का बच्चा चल कर सड़क के बीच में आ गया हैं। सभी लोग पास से बचकर गुजर रहे थे। तभी एक बाइक वाला आया, बाइक साइड में खड़ी की और उस बच्चे को उठा कर सड़क के किनारे रख दिया।मुझे आश्चर्य हुआ!"आप कब तक इसे बचाएंगे? ये तो फिर बीच में आ जाएगा." मैंने पूछा।"जब तक हम चाहेंगे।" उसने मुस्कुराते हुए कहा और चला गय...
Posted on April 26th, 2014