ईश्वर कौन हैं?

ईश्वर कौन हैं?
कई बार बड़े बड़े धर्मविज्ञो को बहस करते सुनता हूँ कि हमारा ईश्वर यह हैं हमारे ईश्वर वो हैं। यह बहस दुसरे धर्मावलम्बी करे तो समझ में आता हैं पर कई बार हिन्दू भी कहने लग जाते हैं हमारे भगवान राम हैं, कृष्ण हैं। जब इनसे पूछा जाता हैं की भाई राम कृष्ण तो मात्र अवतार है। तो इनके दिमाग का ढक्कन खुलता हैं और ये थोडा ऊपर जाते हैं कि हमारे भगवान तो ब्रह्मा- विष्णु- महेश है । फिर कोई पूछ ले की ये तीनो तो त्रिमूर्ति हैं, ये कहाँ से आये हैं? तुम जिन छतीस करोड़ देवी देवताओ को पूजते हो वो कौन हैं?  गाय में इश्वर हैं, वृक्ष में इश्वर हैं, पशु पक्षियों में ईश्वर हैं वह कौन हैं?  ऐसे प्रश्नों पर अक्सर हिन्दुओ को निरुत्तर होना पड़ता हैं। तो प्रश्न यह हैं कि इश्वर हैं कौन?हिन्दू धर्म के अनुसार इश्वर निरुपम हैं निराकार हैं। उसका कोई रूप या आकार  नहीं हैं। आत्मा ही परमात्मा हैं। वह प्रत्येक आत्मा जो अपने आप को सांसारिक मोह माया से मुक्त करले अर्थात मोक्ष प्राप्त करले परमात्मा कहलाती हैं। किन्तु प्रशन यह उठता हैं कि हम इश्वर की प्रार्थना कैसे करे? उसे किस रूप में स्वीकार करे? इस हेतु पुराणों में कहा गया हैं कोई भी व्यक्ति किसी भी व्यक्ति, देवता, मूर्ति, अवतार इत्यादि को इश्वर मान सकता हैं तथा उसकी उसी रूप में पूजा कर सकता हैं। इसलिए हिन्दू धर्म में अपनी आस्था अनुसार अनेक वस्तुओ, जीवो इत्यादि में इश्वर का वास बताया गया हैं।इसलिए अगर कोई अन्य धर्म का व्यक्ति कहता हैं कि खुदा, ईसा मसीह आदि इश्वर हैं तो हमें असहमत नहीं होना चाहिए। वे अगर ऐसी आत्माये थी जो सांसारिक मोह माया से मुक्त इश्वर को समर्पित थी तो वे अवश् ही परमात्मा हैं।