ईशनिंदा

ईशनिंदा
वो आठ बहनों में से एक थी। अब्बा को कुल दीपक की चाह थी। हर बेटी के बाद 'अल्लाह की मर्जी' कह कर अगली की तैयारी में लग जाते। लेकिन जब शादी की बात आई तो सब बोझ लगने लगी। जी तो करता था मार दे ,पर मारना तो गुनाह हैं पैदा करना भले ही न हो। बड़ी वाली को मज़बूरी में एक शराबी से ब्याह दिया...दो लाख के बदले। बेटी से कहा, अल्लाह की मर्जी हैं। साल भर बाद पति भी शराब के नशे में एक ट्रक के निचे आ गया। सात्वना देने वाले कह रहे थे क्या कर सकते हैं? सब अल्लाह की मर्जी हैं....और फातिमा नम आँखों से  अल्लाह को ढूंड रही थी।

#ईशनिंदा_prequal
मूल कड़ी- राज पंडित