Sumit K. Menaria's blog

sumit menaria

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हिमांशु का बर्थडे

जब से मैंने पेज संभाला हैं तब से एक व्यक्ति साये की तरह मेरे साथ हैं. मेरा हमदम मेरा दोस्त हिमांशु वोरा....आज इनका जन्मदिवस हैं तो प्रस्तुत हैं इनका जीवन वृतांत--जन्म:-  श्री कृष्ण ने गीता में कहा हैं कि जब जब धरती पर पाप बढ़ेगा तब तब मैं अवतार लूंगा. लेकिन प्रश्न ये हैं कि पाप बढ़ाएगा कौन? बस इसी के लिए हमारे हिमांशु ने अवतार लिया.इनका जन्म सावन मास की प्...

‘पिता का चश्मा'

‘पिता का चश्मा’लेखन- सुमित मेनारियासम्पादन- अतुल शुक्लाअस्तांचलगामी सूर्य अपनी नारंगी रोशनी सहेजते हुए क्षितिज की ओट लेने लगा था. दूसरी तरफ  चंद्रमा किसी नन्हे शिशु की भाँति बादलो के पीछे से मुख निकाल रहा था. जब तक आसमान में  सूरज रहता हैं चाँद नही दीखता उसका अस्तित्व सूर्य के विलीन होने के पश्चात ही उभरता हैं. पंछी चहचहाते हुए अपने नीड़ को ल...

"विश्वास"

"विश्वास""और रखो खाना, करो दान पुण्य...मिला  कुछ नहीं उपर से सोने की पायल और गुमा कर आ गयी।" नास्तिक पति ग़ुस्से से बोला।"लेकिन मैंने तो अच्छे के लिए ही किया था शायद मेरी भी कोख...." "बीबीजी! ओ बीबीजी!"  तभी नीचे से आवाज आई।"लो आ गई ये मंगती फिर से मांगने...हमारे यहाँ खज़ाना नही भरा हैं।" पति उस बच्ची पर बिफर पड़ा।"मैं तो बीबीजी की पायल देने आई थी। शायद मंदिर मैं गिर थ...

"सबसे बड़ा जानवर"

"सबसे बड़ा जानवर" जंगल में नयी बहस छिड़ गयी सबसे बड़ा जानवर कौन हैं? शेर ने सभा बुलाई। जिराफ़ बोला सबसे लंबा मैं तो सबसे बड़ा मैं, बाज़ बोला सबसे ऊँचा में तो सबसे बड़ा मैं, हाथी बोला सबसे मैं तो सबसे बड़ा मैं...शेर दहाड़ा जंगल का राजा मैं तो सबसे बड़ा जानवर मैं.... तभी भालू हाँफते हुए आया 'भागो! शिकारी आ गए।' सारे जानवर भाग गए, शेर जाल में फंस गया, इंसान उसकी खाल निकाल कर ले गए।

"पिशाच"

"पिशाच" "नींद नही आ रही क्या?" विवाह की पहली रात के दूसरे पहर में दुल्हन ने पूछा। "पिशाच कहाँ सोते हैं, वो तो खून चूसते हैं, उनका जो उनपर विश्वास करते हैं।" "उनका भी जो उनसे प्यार करते हैं?" दुल्हन ने अचरज से पूछा। "प्रेम रक्त को और भी मीठा बना देता हैं।" "तुम मेरा खून नही चूस सकते....." उसने हँसते हुए कहा। "क्यों?" दो दिन बाद अखबार में खबर थी "नकली शादी- दुल्हन सारा कीमती सामान लेकर फरार" उसे अपना जवाब मिल चूका था।

नास्तिक

नास्तिक-1"ईश्वर क्या हैं?"धर्म सभा में जब यह प्रश्न उठा तो सब यूँ देखने लगे मानो किसी ने यौन प्रश्न पूछ लिया हो। "तुम्हारा प्रश्न गलत हैं। प्रश्न यह होना चाहिए कि ईश्वर कौन हैं?" धर्म गुरु ने संभलते हुए प्रतिप्रश्न किया। "प्रश्न वही हैं ईश्वर क्या है? कोई शक्ति, तत्व, चमत्कार, भाव, विश्वास या मात्र एक दिखावा...""ईश्वर एक अनुभूति हैं!""आपको कभी हुई हैं?""तो तì...

मंदिर के लिए दान

'पैसे दो।' 'किसलिए?' 'हम मकान बना रहे हैं।' 'मकान! उसमें कौन रहेगा?' 'कोई नहीं।' 'कोई नहीं?' 'हम्म...कोई नही। तुम रोज़ आना।और रोज़ पैसे देना।' 'मैं रोज आऊंगा! लेकिन किसलिए?' 'कोई नहीं को देखने।'

सत्य की खोज

सत्य की खोजसंकल्पना एवं मूल लेखन- हिमांशु वोरासंपादन एवं पुनर्लेखन- सुमित मेनारिया(भाग-1)इस मिथ्या जीवन से उकताकर, तंग दुनियादारी से आकर।उठाया मैंने प्यूमा का बैग,और निकल पड़ा सफ़र पर बाई लेग।। माता पिता ने मुझको रोका, दोस्तों ने भी  बहुत टोका।पर मैं जग के बंधन तोड़ चूका था, फेसबुक-व्हाट्सएप्प छोड़ चूका था।। मैं चला था एक दुर्गम राह पर, दिल से निकली ...

इतिहास

ऐतिहासिक स्थल पर खुदाई चल रही थी। 'सर! दो कंकाल मिले हैं, एक नर हैं एक मादा हैं, पास में एक खंजर भी मिला हैं। नर कंकाल के सीने की हड्डी पर जख्म का निशान हैं। लगता हैं यह इस महिला ने अपना बचाव किया था और...' 'इतिहास वही होता हैं जो कि दिखाया जाता हैं। यह पवित्र ऐतिहासिक स्थल हैं इसे बदनाम नहीं किया जा सकता।' अगले दिन अखबार में हाथ थामे दो कंकालो के फ़ोटो थे, खबर थी एक प्रेमी जोड़े का कंकाल मिला।

'किसान'

'किसान' बेटे लुफ़्त उठा रहे हैं बारिश का खेल रहे हैं, अठखेलिया कर रहे हैं, कर रहे जमा उन सफ़ेद मोतियों को जो गिरे हैं आसमान से बरसात के संग... साहूकार गुज़रा हैं अभी-अभी उधर से, अपनी सफ़ेद कार से पानी उछालता हुआ उसके घर पर, वही जिसके पास गिरवी हैं ज़ेवर उसके, और वो कर रही हैं नाकाम कोशिश ढंकने की उस फटे तिरपाल से अनाज को, जानती हैं पेट भरना हैं उसे अपने बच्चों का, वही जो बरसात में खेल रहे हैं।