"विश्वास"

"विश्वास""

और रखो खाना, करो दान पुण्य...मिला  कुछ नहीं उपर से सोने की पायल और गुमा कर आ गयी।" नास्तिक पति ग़ुस्से से बोला।

"लेकिन मैंने तो अच्छे के लिए ही किया था शायद मेरी भी कोख...."

"बीबीजी! ओ बीबीजी!"  तभी नीचे से आवाज आई।

"लो आ गई ये मंगती फिर से मांगने...हमारे यहाँ खज़ाना नही भरा हैं।" पति उस बच्ची पर बिफर पड़ा।

"मैं तो बीबीजी की पायल देने आई थी। शायद मंदिर मैं गिर थी।"
उस मासूम ने पायल दिखाते हुए कहा।