मंदिर के लिए दान

'पैसे दो।' 'किसलिए?' 'हम मकान बना रहे हैं।' 'मकान! उसमें कौन रहेगा?' 'कोई नहीं।' 'कोई नहीं?' 'हम्म...कोई नही। तुम रोज़ आना।और रोज़ पैसे देना।' 'मैं रोज आऊंगा! लेकिन किसलिए?' 'कोई नहीं को देखने।'