खेत की पाणत में हाथ तो आले होते ही हैं

दोस्तों पाणत आ चुकी हैं। सभी ग्रामीणजन खेत की पाणत करने में व्यस्त हैं। इस मौके पर प्रस्तुत हैं पाणत से जुडी कुछ कहावते और मुहावरे- 1) खेत की पाणत में हाथ तो आले होते ही हैं 2)जिनके खेत पर कुँए होते हैं वो नेर से पाणत नहीं करते 3)पाणत नी आवे धोरो डोड़ो 4)धोरो मोटो ने पाणी ओछो 5)अपना धोरा सीधा करना 6)ओढ़े का जवाब नहर बंद करके देना 7)कुँए को धोरा दिखाना (सूरज को दीपक दिखाना) 8)उल्टा धोरा बहाना (उल्टी गंगा बहाना) 9)धोरे में भाटे झोंकना(आँख में धूल झोंकना) 10)जिस धोरे से पाणत करना उसी धोरे में छेद करना 11)नेर में हाथ डाला हैं तो फिर ठण्ड से क्या डरना 12)धोरे धोरे पर पाणत करना (घाट घाट का पानी पि पीना) 13)धोरे धोरे पर लिखा हैं पिलाने वाले का नाम 14)धोरा फुट पड़ना (पहाड़ टूट पड़ना) 15)अपना खेत अलग से पिलाना (अपनी खिचड़ी अलग पकाना)